अब उनका इंतजार नहीं करूंगा,
अब उनका ऐतबार नहीं करूंगा,
खूब बहाए उनकी याद में आंसू,
अब इन्हें बेकार नहीं करूंगा,
सितम हमने भी किये, उनपर यारो,
जुल्म ढाए न थे, उन्होंने कम,
शिकवे-गिले में उम्र कटती रही,
प्यार के गीत हमने, गए ही कम,
कटी थीं, रातें उनकी याद में, जाने कितनी,
जख्म बढ़ते रहे, दिन -ब- दिन,
आहें बन गयी, आरजू उनकी,
होते रहे, सितम पे सितम,
उनको पाने की इल्तजा, रही खली,
दूरियां बढती रही, मौसम बे मौसम,
न जाने क्या था, नसीब में, मेरे यारो,
साथ रह के भी, बेजार ही रहे हम,
- सुधीर कुमार शुक्ल तेजस्वी
great poem....
जवाब देंहटाएंThanks Veer Ji!! for your kind appreciation...
हटाएंविरह में लिखी गई अप्रतिम कविता...
जवाब देंहटाएंबहुत, बहुत धन्यवाद् ....हमेशा की तरह उत्साहवर्धन के लिए.....
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