गुरुवार, 19 जनवरी 2012

आरजू


अब उनका इंतजार नहीं करूंगा,
अब उनका ऐतबार नहीं करूंगा,
खूब बहाए उनकी याद में आंसू,
अब इन्हें बेकार नहीं करूंगा,

सितम हमने भी किये, उनपर यारो,
जुल्म ढाए न थे, उन्होंने कम, 
शिकवे-गिले में उम्र कटती रही,
प्यार के गीत हमने, गए ही कम,

कटी थीं, रातें उनकी याद में, जाने कितनी,
जख्म बढ़ते रहे, दिन -ब- दिन,
आहें बन गयी, आरजू उनकी,
होते रहे, सितम पे सितम,

उनको पाने की इल्तजा, रही खली,
दूरियां बढती रही, मौसम बे मौसम,
न जाने क्या था, नसीब में, मेरे यारो,
साथ रह के भी, बेजार ही रहे हम,

-    सुधीर कुमार शुक्ल  तेजस्वी

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