पाकिस्तान में हिन्दुओं का शोषण और भारत की भूमिका



आप सोचिये कि जिस किसी कि बेटी या बहन को सामूहिक रूप से खुले आम अगवा कर लिया जाता हो और उनका जबरन विवाह करवाया, विवाह के बाद भी उस औरत का  कई लोगों के द्वारा शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता हो, और इससे भी बढ़कर उनकी फ़रियाद  कोई नहीं सुनता हो, उसे कही शरण भी नहीं मिल सकती हो, वो इतने कष्टों के बाद वही मर- मर कर जीने को मजबूर हो,  उनकी क्या हालत होगी, उनको क्षण- क्षण मरना पड़ता होगा, जीवन में घोर निराशा होगी, उनकी दशा का  चित्र एक पल के लिए भी मन में आता है तो बरबस ही आंसू आजाते हैं, मन पीड़ित होजाता है, गला भर जाता है, जी हाँ मैं न किसी नाटक का चित्रण कर रहा हूँ न कोई काल्पनिक कहानी आपको सुना रहा हूँ , ये हकीकत है,  और ये हकीकत है पाकिस्तानी हिन्दुओं की,  पकिस्तान में बटवारे के समय से ही वहा रहने वाले  हिन्दू समुदाय के प्रति अन्याय हुआ है, उनपर अनेको जुल्म हुए हैं, और हो रहे हैं, उनकी न पकिस्तान सरकार सुनती, न भारत सरकार और नहीं संयुक्त राष्ट्र संघ.  कमोवेश यही हालत बंगलादेश में रहने वाले हिन्दुओं की भी है.

आज कल ये खबर बहुत ज्यादा आरही है की पाकिस्तानी हिन्दू भारत आना चाहते हैं, और लौटना नहीं चाहते. सवाल ये उठता है की यदि वो हिन्दू परिवार पकिस्तान में नहीं रहना चाहते तो क्या उन्हें पाकिस्तान से प्रेम नहीं है. मेरी समझ में ऐसा नहीं है उन्हें पकिस्तान से प्रेम न होता तो वो बटवारे के समय ही भारत आगये होते. परन्तु पकिस्तान में जिसतरह से हिन्दू परिवारों का शोषण किया जाता रहा है, लड़कियों को अगवा किया जाता है, जबरन धर्म परिवर्तन किया जाता है, पाकिस्तानी हिन्दू पूरी तरह से असुरक्षित हैं, 
आज वो बड़ी आशा से भारत की ओर सहायता के लिए  देख रहे हैं, भारत सरकार का वही राग जो हमेशा रहता है,  वो उन्हें वापिस भगाना चाहती है,

ये कैसी विडंबना है की २१ वी सदी में भी कुछ अभागे ऐसे हैं जो न अपने देश में सुरक्षित हैं और नाही उनके पूर्वजों की धरती और एक मात्र उनके समुदाय बहुल राष्ट्र से कोई मदद मिल रही है, आज जब भारत के विभिन्न राज्यों (बंगाल, असाम आदि)   में करोड़ों बंगलादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, और भारत को कई तरह से नुकसान पंहुचा रहे हैं, तो ऐसे में कुछ लाख प्रताड़ित पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए भारत में जगह नहीं है. ये भारत सरकार की कैसी दोगली नीति है, कि एक तरफ जो अवैध रूप से देश में घुस आया है और देश को नुकसान भी पहुंचा रहा है, उसे सिर्फ वोट बैंक के लिए आप वापस भेजने का कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हो और दूसरी तरफ ऐसे प्रताड़ित लोग जो आपसे शरण एवं असरे कि भीख मांग रहे हैं और आपको ये भी पता है कि अगर आप उनको सहारा नहीं दोगे तो और कोई उनका साथ नहीं देगा,  उनको आप भगा रहे हो.  

मेरी राय में या तो भारत सरकार को पकिस्तान सरकार पर दवाव बनाकर पकिस्तान में हिन्दुओं कि सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए या फिर पकिस्तान और बंगला देश से ऐसा कोई समझौता करना चाहिए जिसमे एक सीमा के तहत पकिस्तान और बंगलादेश में रहने वाले जो भी हिन्दू परिवार भारत आना चाहते हैं उनके सम्पति का उचित मूल्य सम्बंधित सरकार दे और उन्हें भारत भेजे, इसी तरह अगर भारत में रहनेवाले कोई मुसलमान भाई बहन पकिस्तान या बंगलादेश जाना चाहते हैं तो उन्हें भारत सरकार समुचित तरीके से सम्बंधित देश भेजे. परन्तु भारत सरकार ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि इन्होने सेकुलरिस्म का चोला जो ओढ़ रखा है, यदि इन्होने दुनिया के किसी भी हिन्दू समुदाय के हित कि बात करदी तो ये कम्युनल हो जायेंगे. और जो भारत कि तथाकथित वर्तमान राजनीतिक परिद्रश्य है उसमे सरकार ये संकट मोल नहीं ले सकती. क्यों कि भारत सरकार किसी भी हालत में अपनी कुर्सी पर आंच नहीं आने देना चाहती. 

हास्यास्पद और दुखद  ये है की हमारे देश के तथाकथित मानवाधिकार कार्य करता जो किसी भी बात पर चौराहों पर लेट जाते हैं, इन हिन्दुओं  का दर्द उन्हें नहीं दिखता, क्या वो मानव नहीं हैं? क्या उनका कोई मानवाधिकार नहीं है? क्या हिन्दुओं के हित में बोलना साम्प्रदायिकता है? ऐसा नहीं होना चाहिए, और यदि ऐसा है भी तो हिन्दू भी तो एक इंसान है, मानव है तो सबसे ऊपर उठकर उसके अधिकारों की रक्षा भी तो होनी चाहिए.  परन्तु भारत में स्थिति कुछ ऐसी ही है, अगर आपने हिन्दू हितो की बात की तो आप पर साम्प्रदायिकता का टप्पा पग गया. और मानवाधिकार संगठन हो या कोई भी वो सिर्फ उसी बात पर आवाज उठाते हैं जिससे उनका निजी स्वार्थ हो. 

इस लेख के बाद मेरे कुछ भाई बहन मुझे भी सांप्रदायिक समझेंगे, परन्तु बहुत विनम्रता के साथ ये बताना चाहता हूँ की मैं मानववादी हूँ, राष्ट्रवादी हूँ, और प्रानिवादी हूँ, और जहा कही भी प्राणी मात्र के साथ अन्याय होता है उसके खिलाफ बोलना अपना फर्ज समझता हूँ, और यदि ऐसा करना सांप्रदायिक होना है तो मुझे गर्व है की मैं सांप्रदायिक हूँ, 

मेरी आप सभी से प्रार्थना है की पाकिस्तान में हिन्दुओं के विरुद्ध हो रहे अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करे और उन निरीह स्वजनों की रक्षा में अपना योगदान दें!! 

विश्व में शांति हो, सबका कल्याण हो, 
जय हिंद!! जय भारत जन!!

2 टिप्‍पणियां:

  1. Sir main aapki baat se purn roop se sehmat hoon. Kisi americi nagrik ko agar kharooch bhi aa jae toh USA poori dharti pe bawaal macha deta hai, parantu aap sir pakistan pe hinduo pe atyachar ko chodhiye assam ki esthiti dekh lijiye, sadan mein iss bar bahas k naam pe sirf kichad uchalne ka prayas hota hai. Bharat ko bas ek drid netritva ki aavashyakta hai. Aasha karta hoon haalat sudhrenge, baki maine bhartiya doota-waas mein ek mail daala hai aur news channel editor forum mein bhi isi masle ke sambandh mein. jawaab aane pe aapko suchit karunga. Pranam! :)

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  2. Tum bilkul sahi ho beta! Ye aaj bharat ki vidambna hai ki hum bhartiyon ya hinduon ki raksha nahi kar pa rahe. mujhe ye khushi hai ki tum is disha me prayatna kar rahe ho...kabhi meri jaroorat pade to batana...Ishawar tumhe achchhe kaam karne ki aur shakti de...Jai hind

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