सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

सलमान खुर्शीद है आज के शासकों का असली चेहरा !




सलमान खुर्शीद को "अब खून से भी खेलेंगे" वाली धमकी का पुरूस्कार मिला और उन्हें अब भारत सरकार का विदेश मंत्री बनाया गया है।  ताजा मंत्रिमंडल विस्तार में भारत सरकार के पूर्व भ्रष्ट मत्री माननीय सलमान खुर्शीद की पदोन्नति कर दी गई है। अब वो भारत सरकार की विदेश नीति तय करंगे। जो व्यक्ति विकलांगो का पैसा  खा सकता है, एक समाज सेवी को जान से मारने की धमकी दे सकता है, कलम की जगह खून से खेलने की धमकी दे सकता है, वो अपने स्वार्थ के लिए देश को भी बेच सकता है।  यदि आप लोगों ने सलमान खुर्शीद का अरविन्द केजरीवाल के प्रस्तावित फर्रुखाबाद यात्रा के विरोध के सन्दर्भ में उनके घर में आयोजित मंत्रणा का विडियो देखा होगा तो आप मुझसे सहमत होंगे। खुर्शीद साहब एक कानून मंत्री होते हुए जिस तरह की बात कर रहे हैं उससे एक गंभीर सम्प्रदैकता की बू आती है। जिस व्यक्ति की जगह जेल में होनी चाहिए आज वो भारत का विदेश मंत्री है। हो सकता है विदेश मंत्री के कार्यकाल में वो भारत हो पकिस्तान को समर्पित करने का प्रयास करें। यदि ऐसे लोग भारत की कमान सम्हालते हैं, तो ये कैसा प्रजातंत्र है? ये कैसा महान देश है? इससे बेहतर तो तानाशाही होती है, यहाँ तक की इस स्वतंत्रता से बेहतर तो परतंत्रता होती है! कम से कम क्षद्म तो नहीं होती!!
अब तो मुझे ये कहना ही पड़ेगा:
अधर्म की जय हो ! धर्म का सत्यानाश हो !!!
असत्यमेव जयते !
भेड़ियों की जय हो ! देश का सर्वनाश हो !
वाह रे महान  भारत का "महा क्षद्म प्रजातंत्र" !!

बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

चलो राम बन जाएँ हम सब !


प्रिय मित्रो !!
आओ विजयादशमी के इस पावन पर्व को और पुण्य बनायें। अपने अन्दर और बाहर के रावण को मार कर राम राज्य की स्थापना करें।। जय श्री राम!!

चलो राम बन जाएँ हम सब !
रावण का कर दें संघार !!
जन्म भूमि को पावन करदें !
रहे न दुःख, भय और संताप !!

आज दनुज हैं पनपे फिरसे !
बहुत हो रहा अत्याचार !!
मातृभूमि को निर्मल करदें !
करें प्रतिज्ञा हम सब आज !!

भ्रष्टाचार आज का दानव !
निगल रहा हम सबका भाग !!
शासक लोग बने हैं भक्षक !
प्रजा बनी है उनका ग्रास !!

निज के रावण को सब मारें !
राम बसें जब उर में आय!!
बाहर -भीतर राम राज्य हो !
स्वर्ग बने ये हिन्दुस्तान !!

बने राम अब नर भारत के !
नारी धरें शक्ति अवतार !!
सर्वनाश कर इस रावण का !
राम राज्य का हो विस्तार !!

सोमवार, 22 अक्तूबर 2012

क्या केजरीवाल को शहीद कर देंगे अन्ना ?



अरविन्द केजरीवाल देश में राजनीतिक सुधारो की कोशिश कर रहा है, जब से वो टीम अन्ना से अलग हुआ ऐसा लगता है उसने अन्ना का कुछ छीन लिया हो। पिछले कुछ दिनों से एनी कोहली केजरीवाल के सम्मेलनों में आती है और भला -बुरा कह कर चली जाती है, और बड़ी बात ये है की वो खुद को अन्ना टीम की सदस्य बताती है। इन सभी बातों पर अन्ना  चुप है। अन्ना जी को चाहिए की वो स्पष्ट करें की ये सब माजरा क्या है। यदि सही में अरविन्द में खोट है तो ये बात जनता के सामने आनी चाहिए, और अगर अरविन्द के खिलाफ कोई षण्यंत्र हो रहा है तो वो साफ़ होना चाहिए। आज अरविन्द जिस रस्ते पर चल रहा है उससे ये आशंकाएं ज्यादा हैं की विरोधी और ताकतवर राजनीतिक दल उसे ख़त्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ की ऐसी ही कुछ गलती महात्मा गाँधी ने भगत सिंह के मुद्दे पर किया था। जैसे भगत सिंह ने गाँधी से अलग रास्ता अपनाया तो  गाँधी जी को लगा उनका सब लुट गया, हालाँकि दोनों का उद्देश्य एक था "भारत की स्वतंत्रता"। और  उन्होंने ठीक इसी तरह की गतिविधियाँ की थी जो आज अन्ना  कर रहे हैं, और उसका जो परिणाम हुआ वो आप सब को पता है, भगत सिंह को प्राण गवाने पड़े। ठीक वैसे  ही गलती अन्ना कर रहे हैं जिसकी सजा देश को भी भुगतनी पड़ेगी। आज जिस तरह भ्रस्ताचार का युग भारत में चल रहा है, उसमे अगर एक षण्यंत्र के तहत अरविन्द की पहल को नाकाम कर दिया  जाय जिसकी पूरी कोशिश हो रही है, इसकी जबाबदारी अन्ना की भी होगी। और जिस गर्त से निकलने को कोशिश देश कर रहा है, और जनता को कुछ आशाएं बधी हैं वो नाकाम हो जाएँगी। अन्ना को चाहिए की एनी कोहली द्वारा  अन्य लोगों द्वारा केजरीवाल पर लगाये गए आरोपों जो अन्ना टीम से सम्बंधित हैंपर अपना पक्ष रखें, अन्यथा देश अन्ना को कभी माफ़ नहीं करेगा !!

जय हिन्द !! जय भारत जन !!

शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

अशोक का शोक या देश का शोक !



वरिष्ठ आइ ए  एस  अधिकारी डॉ अशोक खेमका का जिसतरह हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय और कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए ट्रान्सफर किया है, उससे राजनीती का एक फूहड़ और डरावना चेहरा सामने आता है, एक ईमानदार अफसर का 19 साल में 43 बार ट्रान्सफर होता है, ये अपने आप में एक बहुत बड़ी कहानी कहता है, डॉ खेमका ने ज्यों ही राबर्ट और डी एल ऍफ़ डील की जांच शुरू की, कंप्यूटर  सर्वैर से डाटा रोक दिया गया और उसी रात को 10 बजे उन्हें ट्रान्सफर आर्डर थमा दिया गया। ये हालत पूरे भारत की है कही, भी कोई ईमानदार व्यक्ति काम नहीं कर सकता, अगर कोशिश भी करेगा तो रस्ते से हटा दिया जायेगा। ये माफिया तंत्र और सरकारों का जाल इतना व्यापक है की एक बार मकड़ी के जाल में फस कर कोई बेचारा कीड़ा बच सकता है, परन्तु इस भ्रस्त तंत्र में कोई इमानदार नहीं रह सकता। आज जितने घोटाले सामने आरहे हैं और देश के बड़े राजनीतिक घराने उन्हें पोषित करते पाए गए हैं, इससे देश के लोक तंत्र पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। मुझे ऐसा लगता है की आज देश यदि खड़ा है तो खेमका जी जैसे चंद  अफसरों की वजह से। भारत के जबाबदार नागरिक होने के नाते हमारा ये फर्ज है की ऐसे ईमानदार लोगों के साथ हम अपनी एकजुटता प्रदर्शित करें, ताकि और ईमानदार लोग सरकार के भ्रस्ताचार के खिलाफ आवाज उठाने का सहस कर सकें। उससे भी आंगे जन- जन को जागरूक करना चाहिए ताकि सरकार को घुटने टेकने के लिए मजबूर होना पड़े, और इस भ्रष्टाचार रूपी विषैले नाग से आम जनता की रक्षा हो सके ।  जिस दिन ये आवाज पूरी तरह बंद हो गई उस दिन इस देश को "बनाना रिपब्लिक" बनने  में जरा भी देर नहीं लगेगी।  

गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012

नासमझ !!



देश की ताज़ा परिस्थितयों में आज के नेताओं को एक सुझाव और चेतावनी।।।।।।


तेरी नासमझी का ये आलम।
न मैं समझूँ न मेरी ये कलम।।
कैसा है शोर, क्यूँ  है ये मातम।
कैसे बन गया तू इतना निर्मम।।

मिथ्याभिमान की बेड़ियों में।
निज स्वार्थ के इस भेड़िये में।।
कब तक बंधक बना रहेगा।
कब तक यूँ ही जकड़ा रहेगा।।

खोल दे बेड़ियाँ, नहीं टूट जायेगा।
तेरा अभिमान यूँ ही बिखर जायेगा।।
अपनी बंद आखें तो खोल।
अपने अन्दर झांक और टटोल।।

लोगों के भविष्य से ऐसे न खेल।
अपने कर्म से यूँ मुह न मोड़।।
समय की आहट को तो पहचान।
पास आती आफत से हो सावधान।।

देदे उनका दाना, उनका हक।
नहीं तो तू यूँ ही मिट जाएगा।।
अहंकार से भरा तेरा ये सर।
यूँ ही एक दिन कट जायेगा।।

शनिवार, 13 अक्तूबर 2012

बलात्कार रोकने का अचूक उपाय !




बलात्कार की घटनाये जिस तरह पूरे देश में बढ़ रही हैं, और सरकारें और प्रशासन इन्हें रोकने में असफल रहा है, इस पर सरकार की मंशा और कानून की द्रढ़ता पर भी सवाल उठता है, पिछले 1 महीने में सिर्फ हरियाणा में ही 15 से अधिक बलात्कार की घटनाये हुई है, पिछले कुछ दिनों पहले उडीसा में एक मत्री समर्थित लोगों ने पहले बलात्कार किया और फिर हत्या करने की कोशिश की, 4 साल की लड़कियों का तक बलात्कार होता हैं, आज हमारी महिलाएं बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है, ये भेड़िये हमेशा ताक में रहते हैं की कब मौका मिले और कब इन्हें अपना शिकार  बनायें। कुछ आंकड़ों पर नजर डाले तो 2011 में 24206 बलात्कार के मामले  दर्ज हुए  जो 1971 के 2043 मामलों  से 873 % अधिक है, हालाँकि एक साल में 2043 का आंकड़ा भी बहुत अधिक है। और बलात्कार का एक भी मामला असहनीय है।   मेरी नजर में बलात्कार सबसे घ्रणित और क्रूर अपराध है, ऐसे लोगों को मानव नहीं कहा जा सकता वो सिर्फ दरिन्दे हैं, और सरकार को ऐसा प्रावधान करना चाहिए की बलात्कार के आरोपों की जांच 6 महीने के अन्दर पूरी हो, जाच पारदर्शी हो, मामले की सुनवाई महिला जज से हो तथा जाच के हर स्तर  में भी महिला अधिकारी और कर्मी की भी हिसेदारी होना चाहिए,  और दोषियों की खासकर जिनके लिए प्रत्यक्ष प्रमाण मौजूद  हैं, उनके लिंग काट देना चाहिए और यही नहीं उनके गुदा में गर्म सरिया डालना चाहिए ताकि उन्हें उस  पीड़ा का एहसास हो जो उस मासूम को होता है जिसका ये बलात्कार करते हैं, कुछ लोग ये कहेंगे की जो सुझाव मैंने दिए वो अमानवीय है, मेरा तर्क है जो अमानवीय कार्य करता है वो मानव है ही नहीं दरिन्दे है, और बलात्कार से अधिक दरिंदगी भरा कोई काम कोई और नहीं है, और दरिंदों को अति कठिन सजा मिलनी चाहिए।।। ताकि हमारी बेटियां, बहने, देवियाँ और माताएं सुरक्षित और सम्मानित रहें ! 

ऐसे मंत्री और अधिकारी जो बलात्कार के मामलों में महिला विरोधी बयान  देते हैं उन्हें बिना जांच किये बर्खास्त कर  जेल में डाल  देना चाहिए। 

मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012

बापू का जन्मोत्सव (व्यंग)




मेरे प्यारे दोस्तों हम हरसाल बापू का जन्म दिन मानते हैं, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस मानते हैं, और प्रतिमा में फूल चड़ने के बाद सब भूल जाते हैं, हमें अपने जीवन में ये याद नहीं रहता की इन सब पर्वों के मनाने का असल उद्देश्य क्या है, हम इन महान व्यक्तियों द्वारा स्थापित आदर्शों को जरा भी अनुसरित करने का प्रयास नहीं करते उसी पर एक कटाक्ष्य है मेरी ये कविता!!


आओ आज मनायेबापू का जन्मोत्सव फिर एक बार,
सिद्धांतों की बलि चढाएंसंस्कारों का हो बलिदान,

सत्यअहिंसाभोग लगायेंपूरी हो अपनी दरकार,
अनाचार का दीप जलाये, लोभ का बने केक हर बार 

कभी किसी का भला  सोचें ही करें अतिथि सत्कार,
उत्तरदाइत्त्यों से मुह मोडेंभरती रहे जेब हर बार,

बापू को दें श्रद्धांजलिकपटद्वेषघूसखोरी की,
जन्म दिवस पर देन कुछ तोहफाअर्थी उनकी बातों की,

आओ आज मनायेबापू का जन्मोत्सव फिर एक बार...
सिद्धांतों की बलि चढाएंसंस्कारों का हो बलिदान....