मेरे इकत्तीस साल के जीवन का अनुभव!!




  • जो तुम्हारे लिए ईमानदार नहीं हैं, उनके लिए ईमानदार मत बनो!
  • जो तुम्हारी परवाह नहीं करते, तुम उनकी परवाह बिलकुल न करो!
  • जो तुम्हारे बारे में नहीं सोचते उनके बारे में बिलकुल मत सोचो!
  • जब तक कोई मदद न मांगे, मदद न करो! ( किसी दुर्घटना के अतिरिक्त)!
  • अपनी कमजोरियां अपने मित्रों से भी न बताओ !
  • अपने स्तर पर किसी को न लाओ , एक बार वो तुम्हारे स्तर पर पहुँच गया तुम्हे नीचे गिरा देगा !
  • सिर्फ एक तुम ही खुद के ईमानदार दोस्त हो दूसरा कोई नहीं !
  • यदि तुम दौड़ना बंद कर दोगे गिर जाओगे !
  • इस संसार में सब स्वार्थी हैं !
  • तुम आपने माता- पिता का विश्वास कर सकते हो, और किसी का नहीं !
  • ईश्वर अभी भी है, उसपे भरोसा रखो !

TOOK THIRTY ONE YEARS TO LEARN:
  • Don’t be honest for them who are not honest for you.
  • Don’t care for them who don’t care for you.
  • Don’t think about them who don’t think for you.
  • Don’t help if someone doesn’t ask for ( except in case of accident ).
  • Don’t share your weaknesses to even you friends.
  • Don’t bring anybody to your level, once s/he achieves that level, s/he will through you down.
  • You are only and only faithful friend of yourself nobody else.
  • If you stop running, you will fall down.
  • Each and every one is selfish in this Earth.
  • You can only believe you Mother and Father no one else.
  • God is still here.




1 टिप्पणी:


  1. नमस्कार !
    आपके लेख http://sudheertejasvee.blogspot.in/ पर देखे। खास बात ये है की आपके लेख बहुत ही अच्छे एवं तार्किक होते हैं।

    इन्टरनेट पर अभी भी कई बेहतरीन रचनाएं अंग्रेज़ी भाषा में ही हैं, जिसके कारण आम हिंदीभाषी लोग इन महत्वपूर्ण आलेखों से जुड़े संदेशों या बातों जिनसे उनके जीवन मे बदलाव हो सकता है, से वंचित रह जाते हैं| ऐसे हिन्दीभाषी यूजर्स के लिए ही हम आपके अमूल्य सहयोग की अपेक्षा रखते हैं ।

    साथ ही आपसे निवेदन है की आप अपने लेखों को शब्दनगरी पर भी अपने नाम से साथ प्रकाशित करें।

    साथ ही हमारा यह भी प्रयास होगा कि शब्दनगरी द्वारा सभी यूज़र्स को भेजी जानी वाली साप्ताहिक ईमेल में हम आपके लेख जोड़ कर,और शब्दनगरी पर प्रकाशित होने वाली विशिष्ट रचनाओं मे आपकी रचनाओं को सम्मिलित कर अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाएँ ।
    उम्मीद है हमारी इस छोटी सी कोशिश में आप हमारा साथ अवश्य देंगे ।
    आपके उत्तर की प्रतीक्षा है ...
    धन्यवाद,
    प्रियंका शर्मा
    (शब्दनगरी संगठन)
    www.shabd.in

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