भारत की जीवन रेखा कही जाने वाली अमृत- सलिल दायिनी माँ गंगा की अविरल धारा को बनाये रखने हेतु, भारत के प्रसिद्द पर्यावरण विज्ञानी और आई. आई. टी, कानपुर पूर्व प्राध्यापक, डॉ. जी. डी. अग्रवाल जी पिछले कई सालों से आन्दोलन रत हैं, इसी कड़ी में वो पिछले ९ दिनों से अन्न-जल त्याग कर आमरण अनशन में बैठे हुए है, उनकी हालत बहुत गंभीर है और वो अस्पताल में भारती हैं, ये बड़े शर्म की बात है की १ बृध व्यक्ति माँ गंगा की सेवा में जीवन मृत्यु से जूझ रहा है और भारत सरकार जो, आपना चरित्र और अपनी आत्मा दोनों बेच चुकी है, और दिशा हीन हो चुकी है वो उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है!! इस कविता के माध्यम से मेरी देश के नागरिकों से प्रार्थना है की वो, आपनी आवाज इतनी बुलंद करें की भारत सरकार के कान जो बहरे हो चुके हैं वो खुल जाएँ, और माँ गंगा की धारा यूँ ही अवुरल बहती रहे!!....कृपया इस कविता को अधिक से अधिक शेयर कर माँ के इस जीवन- मृत्यु की लड़ाई में अपना योगदान दें! और यह सिद्ध करदें की हूँ एक सच्चे भारत वंशी हैं,...जय ..जय माँ गंगे!..........जय... जय भारत जीवन दायिनी!! जय... जय..भारत गौरव!!!! .........
भारत जन की जीवन दायिनी,
आज व्यथित गंगा जर- जर है,
हर मानव को तारने वाली,
माग रही माता जीवन है,
माता से भी ऊपर थी जो,
कितनी निर्मल, पवन थी जो,
कभी थी अविरल जिसकी धारा,
उसका था वो रूप निराला,
है गंगोत्री उसका उद्गम,
ऋषिकेश, हरिद्वार बने तट,
काशी और प्रयाग बने थे,
धर्म धुरी बन अटल खड़े थे,
हम सब की है वो गौरव,
भारत की है जीवन रेखा,
फली जहाँ थी अपनी संस्कृति,
सबको उसने सलिल पिलाया,
हुए थे कितने समर भयंकर,
आये- गए हजारों शासक,
नहीं किसी ने रोकी धारा,
गंगा थी उतनी ही अविरल
आज उसी को लूट रहे हैं,
क्रूर उसी को काट रहे हैं,
जगह- जगह पर बांध बनाके,
गंगा का दम घोट रहे हैं,
देश के दुश्मन लूट रहे हैं,
माँ का दामन कुलषित करके,
लोलुपता और कुत्सित मन से,
माँ की काया लूट रहे हैं,
एक विज्ञानी, है अभिमानी,
पर्यावरण का है वो ज्ञानी,
गंगा माँ का निछल प्रहरी,
आज समर में जूझ रहा है,
आज समर है, जर्जर तन है,
रुके कदम है, अविचल मन है,
गंगा माँ की लाज बचाने,
डटा बृद्ध तन, मन यौवन है,
कलयुग का वो बना भागीरथ,
माँ की लाज बचाने आया,
माँ के प्राण बचाने खातिर,
जीवन- मृत्यु ये जूझ रहा है,
है पुकार ये माँ गंगा की,
मेरे सभी सपूतो जागो,
आन्दोलन को प्रखर बनाओ,
अपनी माँ के प्राण बचाओ,
- डॉ सुधीर कुमार शुक्ल "तेजस्वी"
very inspirational .....nice efforts....
जवाब देंहटाएंThank you so much Vinay Ji for your kind appreciation..
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