बुधवार, 21 जनवरी 2015

महाबहस- केजरीवाल बनाम किरण !


(पढ़े "केजरीवाल बनाम किरण-महाबहस" का एक दृश्य


रवीश कुमार  (मॉडरेटर) - नमस्कार ! मैं हूँ रवीश कुमार और आप देख रहे हैं स्वतंत्र भारत के इतिहास की सबसे बढ़ी खुली बहस यानी ओपन डिबेट। आज हमारे साथ हैं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल और उनके सामने हैं भारत की प्रथम महिला आईपीएस और बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मेदवार डॉ किरण बेदी। आप दोनो का और सभी दर्शकों का स्वागत है।   आज का विषय है, "दिल्ली का एजेंडा",   दिल्ली में काफी विकास हुआ भी है और बहुत सारी समस्यांए भी है , हम इन सभी समस्याओ और उनके समाधान के लिए दोनों नेताओं की योजना यानि "ब्लू प्रिंट" समझने का प्रयास करेंगे।  आज के बहस के कुछ नियम हैं जो आप लोगों को बता दूँ। दर्शकों के बीच से कोई शोरशराबा नहीं होगा, सभी, दोनों नेताओ की बात ध्यान से सुनेगे। 

रवीश कुमार - बात करते हैं बिजली की : आपदोनो के पास दिल्ली में बिजली की समस्या से निपटने और उसके दाम को काम करने के लिए क्या योजना है ? पहले अरविन्द। 

अरविन्द - देखिये जी, हम बिजली के दाम ५० % तक काम करदेंगे, जो बिजली कम्पनियों में भ्रष्टाचा व्याप्त है उसकी जांच कराएँगे, और मुझे विश्वास है की, दिल्ली में बिजली के दाम बड़े नहीं है परन्तु बढ़ाये गए है, भ्रष्टाचार और मुनाफाखोरी के लिए।  

रवीश कुमार - किरण जी !

किरण - रवीश मुझे थोड़ा टाइम दो इंट्रोडक्शन के लिए। दोस्तों मैं आपलोगों को अपना ४० साल का अनुभव समर्पित करने आई हूँ।  मेरे पास ४० साल का पुलिस सेवा और २६ साल का सामाजिक सेवा का अनुभव है, पहले  दिल्ली में, चंडीगढ़ में , मिजोरम में, तिहाड़ जेल में …  

रवीश कुमार - (बीच में टोकते हुए) किरण जी ! ये तो ठीक है परन्तु बिजली के बारे में आपका क्या कहना है ?
किरण - बिजली !… बिजली  .... दिल्ली वासियों को बिजली मिलेगी।  हाँ तो दोस्तों मैं कह रही थी की मैं आपको अपना अनुभव समर्पित करने आई हूँ , सिर्फ सेवा के लिए और कुछ नहीं।  सिर्फ सेवा।  

रवीश कुमार - किरण जी आपका टाइम खत्म होता है।  और मुझे कहना पड़ेगा की आपने बिजली के मुद्दे पर कोई सही से  जवाब नहीं दिया।  अब चलते हैं पानी की ओर। पानी अमीर और गरीब दोनों के लिए बहुत जरूरी है।  आपलोगों की दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर क्या योजना है ?

अरविन्द - देखिये जी, हम ७०० लीटर तक पानी मुफ्त कर देंगे।  पानी के लिए मीटर लगवाएंगे।  टैंकर माफिया पर लगाम कसेंगे।  सभी टैंकर्स पर जीपीएस लगवाएंगे ताकि उनको ट्रैक किया जा सके।  रेनवाटर हारवेसटिंग को बढ़ावा देने गए।  झुग्गी - झोपड़ियों में पानी का कनेक्शन लगवाएंगे। 

किरण - मेरे पास "३ एम" प्लान है जो पानी की समस्या दूर करदेगा।  

रवीश कुमार - वो ३ एम असल में है क्या ? थोड़ा प्रकाश डालिये।  

किरण - रवीश, देखो मैं अभी "डिलीवरी मोड़" में हूँ, इलेक्शन के बाद "डिबेट मोड" में आउंगी तब सब बता दूँगी।  नाउ यू गो टू the next question

रविश कुमार - स्वस्थ्य ! स्वस्थ्य हर व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।  आपदोनो की स्वस्थ्य के सम्बन्ध में क्या योजना है?

अरविन्द - देखिये जी , हम बच्चों के लिए १०० % मुफ्त टीका करवाएंगे, ३००००  नए बेड अस्पतालों में लगवाएंगे।  सभी सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारेंगे, और उनमे आधुनिक उपकरण की व्यवस्था करेंगे।  अस्पतालों और दवाई कम्पनियों में व्याप्त भ्रस्टाचार कम करेंगे।  जिसका सीधा लाभ जनता को मिलयेगा।  

किरण - हम स्वस्थ्य को लेकर बहुत चिंतित है , हमारे पास "३ एच" प्लान है उससे सब ठीक हो जायेगा।  

रवीश  कुमार - क्या हम जान सकते हैं की वो "३ एच" प्लान आखिर है क्या ?

किरण - मैंने कहा ना की मैं अभी "डिलीवरी ....  "   Now you just shut up !

रवीश कुमार - मुझे फिर बड़े दुःख के साथ कहना पड़ेगा किरण जी, आपने संतोषप्रद उत्तर नहीं दिया।  खैर कोई बात नहीं।  जनता ये भी देख रही है।  अब अगला मुद्दा "शिक्षा "  शिक्षा को लेकर आपलोगों की क्या योजना है।  

अरविन्द - देखिये जी, शिक्षा  और अच्छी शिक्षा तो हमारे लिए बहुत  जरूरी है, ये हमे ऊर्जा देती है , मार्गदर्शन देती है  इससे देश सशक्त होता है।  हम दिल्ली में स्किल डेवलपमेंट पर बढ़ावा देंगे।   हमारा पहले २ साल तक,  १ लाख पर ईयर और उसके बाद ५ लाख  पर ईयर, स्किल्ड बेस्ड ट्रेनिंग का लक्ष्य है।  हम  २० नए कॉलेज खोलेंगे ,  Research को बढवा देने के लिए, universities और colleges में Technological incubators स्थापित करेंगे।  

किरण - रवीश ! ये बहुत महत्वपूर्ण सवाल है, कि हमे ऊर्जा कहाँ से मिलती है, मुझे तो ऊर्जा "एम" सूर्य से मिलती है, वो मेरा सूरज है, और मैं उसका तारा। जिसके प्रकाश से हम सभी ऊर्जावान हो रहे हैं।  एक दिन दिल्ली ही नहीं पूरा भारत, यहाँ तक पूरा संसार उस "एम" नाम के सूरज की ऊर्जा से प्रकाशित हो जायेगा । रवीश ! अब तुम्हे पूछोगे ये "एम" क्या है , इस बार मैं जरूर बताउंगी।  तुम्हे निराश नहीं करूँगी।  एम फॉर "मोदी" … मोदी … मोदी।  मुझे मोदी का चेहरा संसार का सबसे सुन्दर चेहरा लगता है, अन्ना के चेहरे  से भी सुन्दर। 

रवीश कुमार  - हा … हा …हा …हा … किरण जी मुझे अच्छा लगा आप "डिलिवरी मोड"  से  "डिबेट मोड़" में आगयी। अगला मुद्दा है रोजगार।  रोजगार को बढ़ाने के लिए आपलोगों की क्या योजना है ?

अरविन्द - हम अगले ५ सालों में  दिल्ली के अंदर ८ लाख नौकरियाँ देंगे।  हम  business incubators शुरू करेंगे जिससे युवा नौकरी ढूढ़ने की अपेक्षा नौकरी देने वाले बनेंगे।  

किरण - नौकरी देने के लिए मेरे पास "४ जे" प्लान है।  

रविश कुमार- "४ जे" प्लान मतलब ? 

किरण - अभी मैं "डिलिवरी मोड" में हूँ।  

रविश कुमार- परन्तु अभी तो आप "डिबेट मोड़" में आयीं थी?

किरण - ये मेरी मर्ज़ी मैं किस मोड में कब जाऊं, मैं एक स्वतंत्र भारत की महिला हुँ।  मेरे पास ४० साल का "Administrative Experience" है जो मैं दिल्ली को देने आई हूँ।  और रवीश ये मत भूलो की मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री हूँ।  ( रवीश - बीच में टोकते हुए … मुख्यमंत्री हूँ !!! ) मतलब लगभग हूँ, means बननेवाली हूँ, और जिसदिन बनगई सबसे पहले twitter में तुम्हे block  करूंगी।  

रवीश कुमार - किरण जी , आपतो गुस्सा हो रही हैं, गुस्सा  मत करिये प्लीज।  हाँ, हमारा अगला मुद्दा है, महिला सुरक्षा।  आज की दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है आप इसे सुरक्षित बनाने के लिए क्या करेंगे। 

अरविन्द- हम "महिला कमांडो" नियुक्त करेंगे, पूरी दिल्ली में CCTV कैमरे लगवाएंगे, महिला उत्पीड़न मामलों को तय समय में निपटने के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाएंगे, जिस इलाके में यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं होगी उस इलाक़े के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारीयों की जवाबदारी तय की जाएगी।  लोगोंको महिला सुरक्षा के लिए संवेदनशील और जागरूक बनाएंगे।  

किरण - महिला सुरक्षा दिल्ली के अंदर बहुत महत्वपूर्ण विषय है।  हम इसके लिए "३ एस"  फार्मूला अपनाएंगे , "३ एस" मतलब - संस्कार, सुरक्षा और …और …और …और …" शाह' हाँ शाह भाई वो बड़े अच्छे व्यक्ति है।  मैं अति उत्साह में भूल जाती हूँ।  अभी तक उनका एक बार भी नाम नहीं लिया।  Sorry शाह भाई ! 

रविश कुमार - ( बहस को एकतरफा देख बीच में ही खत्म करने का मन बनता है)  अब हम बहस के अंतिम पड़ाव में हैं।  

किरण - बीच में टोकते हुए , रवीश एक मिनट ! एक मिनट ! तुम्हे पता है न मैं कौन हूँ?  Now you just shut up and listen me ! ये घरवापसी, चार बच्चे, जीन्स पे रोक, महान भारतीय पुरातन विज्ञान, गोडसे the grate, हिन्दू राष्ट्र, ये मुद्दे कब आयेगे बहस में ? नाउ आई एम वेरी मच ऑन "डिबेट मोड" 

रवीश कुमार - सॉरी किरण जी, आज की बहस में ये सब मुद्दे नहीं हैं, वैसे भी दिल्ली की जनता के सामने लिए ऐसे मुद्दों में बहस करना आपकी पार्टी के लिए सही  नहीं है।  कहीं "back fire"  न कर जाय। 

किरण - ( मन ही मन -  साला रात भर, साक्षी महाराज, निरंजन ज्योति, प्रवीण तोगड़िया और एक क्या नाम है उसका……  योगी आदित्यनाथ तो मुझे यही रटाते रहे, सोई भी नहीं और सब बेकार, एक बार मुख्यमंत्री बनजाऊं फिर एक - एक को देख लूंगी) ये सही नहीं है , रवीश तुम पक्षपात कर रहे हो जिन मुद्दों पे हम स्ट्रांग हैं उन्हें बहस में शामिल नहीं किया।  एक बात याद रखना मैं बाते कभी भूलती नहीं  हूँ , मौक़ा मिला तो तुम्हे जरूर सबक सिखाउंगी।  

रवीश कुमार - किरण जी ! शांत हो जाइए।  

किरण - नाऊ यू जस्ट शट अप !  let me call my people , Hello ! Hello ! Sunita ! THE BEDI here . You block Ravish Kumar  "टीवी वाला"  from my twitter immediately. Just shut-up and do what I say. Yes, Yes, Great ! रवीश, मैंने कहा था न मैं डिलिवरी में विश्वास करती हूँ, डिबेट में नहीं ?  I have taken action even against you. 

रवीश कुमार - कोई बात नहीं किरण जी, कभी, कभी ऐसा होता है।  नाउ कनक्लूडिंग रिमार्क।  

अरविन्द - देखिये जी, हम दिल्ली की जनता से वादा  करते हैं, हम इस बार आपको निराश  नहीं करेंगे। हमे एक मौका दीजिये पूर्ण बहुतमत के साथ हम, दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बना देंगे।  यहाँ से भ्रष्टाचार कम करेंगे, महगाई काम करेंगे, जनलोकपाल लाएंगे, स्वराज लाएंगे।  ये हमारी लड़ाई नहीं है, आप सभी की लड़ाई है झाड़ू पर बटन दवाइये और आम आदमी को जिताइए।  जय हिन्द !

किरण- देखो साथियों, इस देश में आज मोदी से बढ़कर कोई नेता नहीं है, जब मैं मेरे मोदी की बात टेलीविज़न पे सुनती थी तो भाव विभोर हो जाती थी, मई २०१४ के बाद से मुझे मोदी से प्रेरणा मिली, मोदी सूरज है और हम सब तारें हैं, हमे उससे ऊर्जा मिलती है , मोदी के नाम कर कमल पे वोट दीजिये।  हर,  हर , मोदी !   हर,  हर , मोदी ! 

रवीश - इसी के साथ आज की ये  "महाबहस -केजरीवाल बनाम किरण" समाप्त होती है, मैं ये तो नहीं कह सकता की कौन जीता कौन हारा, वो तो जनता तय करेगी। पर बहस interesting जरूर थी।  है न ! देखते रहिये।  नमस्कार ! 

( पीछे स्क्रीन पर:  शाह और मोदी टीवी के सामने बैठे अपना माथा पीट रहे हैं, और उपाध्याय और मुखी के चेहरे खिल रहे हैं, शाह - मोदी जी, बहस में एक नियम बहुत गलत था, "दर्शक शोरशराब नहीं कर सकते"  मैं देखता हूँ इसको next time ) 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें