नील- धवल, व्योम, अरुण रस स्राव करे,
निर्झर है धवल, प्रकृति भी मनुहार करे,
शीतल तरंग, मन शीतल है, कामना भी,
अरुण-वरुण मिले, और ज्योति प्रकाशित है,
छटी है, और छटेगी, रात की करियाई,
मन में विश्वास, औ आशा एक जागी हैं,
शशि हो, या तिमिर, उदित हो, प्राची पर,
संग- संग जीवन संगीत, आज बरसे है,
आओ हम मिलकर, नूतन आरम्भ करें ,
स्वागत नव वर्ष का, आरम्भ भी दिव्य हो,
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