नेति - नेति
!!ॐ नमः!! वसुधैवकुटुम्बकम !! सत्यमेव जयते !! ॐ शांतिः !!
शनिवार, 9 अगस्त 2014
सखा !
उर की पीर उरही मा राखे,
भेद कहे तो जगहुँहिं जाने,
बूझे सखा, असखा न बूझे,
दोनोहुँ जन को ईशहिं राखे,
चूड़ामणि, मुद्रिका दिखाई ,
रामसिया की सुधि बतलाई,
मित्र सुदामा जी के तंदुल,
या सबरी के बेर हो भाई,
सखा कि पीर सखा के हिरदय,
सबहीं ने तुरतहिं पहुंचाई,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें