मंगलवार, 26 नवंबर 2013

ऐ मेरे देश के लोगों, ज़रा शर्म करो बेईमानो

मुम्बई में हुए आतंकी हमलों कि पांचवी वर्षगांठ पर देश के शहीदों को श्रद्धान्जली और देश के दलालों को सन्देश ! 




ऐ मेरे देश के लोगों,
ज़रा शर्म करो बेईमानो,
ये नहीं है तुम्हारी बपौती,
इसे तुम न खा के डकारों,

जब झुलस रहा थी गंगा,
जब खिसक रहा था हिमालय,
वो जान कि बाजी लगा कर,
जलते भारत को बचाया, 
तुम लूट रहे थे कोयला,
वो झेल रहे थे गोली,
उसने अपनी जान गवांई,
ताबूत भी न तूने छोड़ी,


ऐ देश के भ्रष्ट नेताओं,
जरा याद करो कुर्वानी,
ये देश नहीं है खजाना,
इसे बेच के तुम न खाओ, 
तुम मत भूलो भारत पर,
कितनो ने है प्राण गवाए,
वो भगत, सुभाष, औ शेखर,
अपना है सब कुछ लुटाये,

वो लक्ष्मी हो, या अहिल्या,
वो संदीप हो, या विक्रम,
मिटटी कि आन बचाने,
वो खेल गए दीवाने,
तुम बैठे थे बंगलों में,
वो खेल रहे शोलों पर,
दुश्मन जब घुस कर आया,
अपनों पर संकट आया,

वो बड़े वीर बलिदानी,
दुश्मन को धूल चटा दी,
हम सबको उसने बचाया,
चाहे अपनी जान गवां दी,
सीने पर खाके गोले,
वो खड़ा रहा अभिमानी,
सीने को ढाल बना दी,
पर देश कि आन बचा ली,

भारत का वीर वो बांका,
माता का कर्ज उतरा,
जब अंत घडी आई तो,
कह गया हमें है चलना,
बचके रहना देश के प्यारो,
कुछ शर्म करो नेताओ,
भारत है माँ तो तुम्हारी 
तुम बेंच इसे ना  खाओ,


तुम भूल न जाओ पल वो,
इस लिए है, बात बताई,
अबतो कुछ शर्म करो तुम,
अपनी माँ को बेच न खाओ,  

जय हिन्द ! जय हिन्द कि सेवा !

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