गुरुवार, 1 नवंबर 2012

कही अरविन्द बिगडैल बन्दर तो नहीं?




कोई कहता हैं ये खुलासों का दौर है, कोई कहता है अराजकता का दौर है, कोई कहता है अरविन्द केजरीवाल अपनी राजनीतिक रोटी सेक रहा है, कुछ स्वयंभू बुन्द्धिजीवी और संसद के ठेकेदार तो यहाँ तक कहते हैं की अरविन्द लोकतंत्र के लिए खतरा है।  पर मैं पूछता हूँ लोकतंत्र है कहाँ? ये तो सरकार और कॉर्पोरेट की युगलबंदी है जिसमे जनता बंदरिया की तरह नाच रही है, और इसी झपताल को ये लोग लोकतंत्र कहते हैं।  मुझे तो लगता है, की पिछले 65 सालों  में सरकार  और  कॉर्पोरेट की जिस तरह युगलबंदी हो रही थी, और जनता एक मजबूर बंदरिया की तरह उनकी ताल पर नाचने को विवश थी, आज इस गोल ( समूह)  में अरविन्द नाम का एक ऐसा बन्दर आगया है, जो उलट कर इन लोगों को चांटे लगाने का सहस किया है।  अब सरकार, विपक्ष और कॉर्पोरेट की ताल बिगडती लग रही है।  गौर तलब है की  पिछले 65 सालों में भारत का जिस तरह विकास हुआ है, और सामान्य जनता की जो हालत है, वो  कॉर्पोरेट और सरकार की युगलबंदी का ही परिणाम है। एक तरफ तो देश की राजधानी में मलयुक्त पानी पीने को मिलता है, बिजली नहीं है,  (आज जब देश की राजधानी की ये हालत है तो सुदूर क्षेत्रों की क्या होगी) और दूसरी तरफ प्राकृतिक संसाधनों की अन्धाधुन्ध लूट हो रही है। कॉर्पोरेट, और सरकार के लोग और अधिक  अमीर होते जा रहें है, और गरीब जनता को दो वक्त की रोटी तक नसीब नहीं है। सरकार वही करती है जिसमे बड़े- बड़े कॉर्पोरेट घरानों का स्वार्थ सिद्ध होता हो, जनता की चिंता किसी को नहीं होती है। बस चुनाव के समय 2-4 दाने दाल के डाल देते हैं और बंदरिया को नचाते रहते हैं। पर आज इस बिगडैल बन्दर की वजह से जो माहौल बना हुआ है, या बन रहा है, उसको और सघन करने की जरूरत है, तभी असली मदारी जनता होगी और, सरकार और कॉर्पोरेट उसकी बंदरिया, जो असल लोकतंत्र में होना चाहिए। 

जय हिन्द!! है भारत जन!!

4 टिप्‍पणियां:

  1. इंतजार है उस दिन का जब ...
    असली मदारी जनता होगी और, सरकार और कॉर्पोरेट उसकी बंदरिया, जो असल लोकतंत्र में होना चाहिए।

    जय हिन्द!! है भारत जन!!

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  2. प्रयास करना तो बहुत अच्छी बात है लेकिन क्या सपा और बसपा के जाति-धर्म आधारित वोटो को किसी भी तरह से केजरीवाल तोड़ पाएगे। देश की जनता अभी भी तैयार नही की देश आधारित मुद्दो पर खुल कर वोट कर सके इसलिए यह केजरीवाल का विकल्प आधा अधूरा है। अगर जनता पूरी तरह से इनके समर्थन मे वोट करती तब तो अच्छा है पर ऐसा राजनाइटिक रूप से होता संभव नही दिखता उल्टा काँग्रेस विरोधी वोट बांटेगे ऐसा शक होता है॥ फाइदा सीधा काँग्रेस को ही , पर देश की जनता यह समझकर ही वोट देगी की वोट खराब न हो

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    1. Sachin Ji!! aapki chinta jayaj hai..parantu ab samay aagaya hai jab desh aur janta ke hit ke liye vote pade na ki jaati aur dharm par..aur hame ye soch kar kejreewal ko vot nahi dena chahiye ki BJP ke vote katenge..balki parivartan ke liye janta ko bhi risk lena padega..vaise bhi chahe Congress satta me aaye ya BJP..kuchh firk to hone wala nahi hai.waise bhi pihhle 65 saalon se vote barbaad hi to hete aaye hain..isliye is mudde ka koi mahatwa hi nahi hai...isliye sabko 1 saath mil kar kejreewal ke liye vote karna chahiye.janta aue desh ke hit ke liye.sabhar

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