शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

हे ! राम आ जाओ

मेरे आराध्य एवं आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री रामचंद्र जी के जन्मदिन पर भावनात्मक काव्यांजलि !!



बाल राम तुम आओ,
नैनन में बस जाओ,

धूल धूसरित तन है,
निर्मल-निश्चल मन है,

ठुमक चाल, तेज भाल।
कौशल्या के तुम लाल।

तुम पर ब्रम्हांड बसे। 
दशरथ के प्राण बसे।।

घुघराले केशों पर।
स्वर्ण मुकुट हो साजे।।

चंचल दो नयन भोले।
जीवन के पास तोड़ें।।

दिवस, माह बीत गए।
साल आयें और जाए।।

मेरी अँखियाँ उदास।
दर्शन की है चाह।।

तोतली-मीठी बोली से।
मुझे को तुम लो पुकार।।

अपने इस दीन की।
सुन लो अब तुम पुकार।।

कर के कुछ बाल हठ। 
कर दो मेरा उद्धार।।

हे ! राम आ जाओ !  मेरे नाथ आजो !!

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