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वैलेंटाइन डे" के उपलक्ष में प्रेमी दिलों को सप्रेम भेट,
मेरी महफ़िल को वो सजाने आये हैं,
दो बूँद पीने और पिलाने आये हैं,
लबों से छू लूँ मैं दामन उनका,
इश्क से भर के वो पैमाने लाये हैं,
उनकी जुल्फों की इन घटाओ पे,
हम तो खुद को डुबाने आये हैं,
उनकी साँसों से छलकते नगमे,
अपनी रूह को नहलाने लाये हैं,
उनकी इन आखों से निखरते मोती,
इनको दिल में हम सजाने आये हैं,
लबों पे जाम छलकता यारों
लबों से पीने और पिलाने आये हैं,
Bahut umda Sudheer ji......
जवाब देंहटाएंAnil Ji! Bahut bahut dhanyawad..utsaahwardhan ke liye..
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